नागार्जुन के सेवन से ह्रदयरोग (ह्रदय की अधिक धड़कन, ह्रदय की मंदता), सब प्रकार के शूल (ह्रदय मांस शूल, फुफ्फुस आवरण शूल, महाधमनी शूल, वातज ह्रदय शूल आदि), अर्श (बवासीर), हल्लास, छर्दी (उल्टी), अरुचि, अतिसार, अग्निमांद्य, रक्तपित्त, क्षत, क्षय, शोथ (सूजन), पेट के रोग, अम्लपित्त, विषमज्वर आदि ह्रद्रोगानुबंधि रोग नष्ट होते है। यह बल, वीर्य की वृद्धि करता है और रसायन है।
घटक- नागभस्म, अभ्रक भस्म, अर्जुन छाल
औषधि नाम- नागार्जुनअभ्रख रस
संदर्भ:- भेषज रत्नावली
सेवन:- चिकित्सक के परामर्श के अनुसार, 1 गोली भोजन के बाद सुबह-शाम मधु के साथ
Use: (Used in- Heart Disease, Chest Pain, Nausea)
Mg: (250 MG)
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