पुष्प वटी अत्यंत कामोत्तेजक और शुक्रवर्धक है। अंडकोष, फलवाहिनी और शुक्रवाहिनी की निर्बलतासे आई हुई नपुंसकता, मानसिक दोषसे होनेवाली नपुंसकता, स्मृति नाश , निद्रानाश, शुक्र का पतलापन, इंद्रियकी शिथिलता , स्त्रियों के बीजकोष का विकास न होनेवाला वंध्यत्व, स्त्रियों के नये अस्थिक्षय (हड्डी कमजोर होजाना), शुक्रमेह (पेसाब के साथ शुक्र जाना), लालामेह और प्रमेह के कारण से होनेवाली नपुंसकता आदि रोगो को दूर करनेवाली औषधियो में पुष्प वटी को प्रथम श्रेणी का माना गया है।
घटक- रससिंदूर, द्विगुण गंधक, पारद भस्म, नाग भस्म, लोह भस्म, अभ्रक भस्म, वंग भस्म, धतूरा, भांग, मुलहठी, सेमल की छाल, नागरबेल के पत्तों के रस
औषधि नाम-पुष्पधन्वा रस संदर्भ:-भेषज रत्नावली
सेवन:- चिकित्सक के परामर्श के अनुसार, 1 गोली भोजन के बाद सुबह-शाम मधु या दूध के साथ
Use: (Low Stamina, Sexual Dysfunction, Premature ejaculation)
Mg: (250 MG)
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