VR VATGAJANKUSH

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इसके सेवन से कफ प्रधान वात रोग नष्ट होते है । यह दर्द में राहत देती है ।यह साइटिका ,जबड़े के जकड़न,गर्दन की अकड़न आदि में शीघ्र लाभकारी है ।यह मोटे लोगो में होने वाले वात रोगो में बहुत लाभकारी है क्युकी यह बढ़ी हुई चर्बी को भी कम करती है ।

घटक द्रव्य:- रस सिंदूर, लौह भष्म, मक्षिक भष्म, गंधक, हरिताल, हरीतकी, काकड़ाशृंगी, काली मिर्च, पीपली, सोंठ, अग्निमंथ, शुद्ध टंकण आदि

औषधि नाम- वृ० वात गाँजाकुश सन्दर्भ -आ० स० स०

सेवन:- चिकित्सक के परामर्श के अनुसार, 1 गोली भोजन के बाद सुबह-शाम गुनगुने पानी के साथ

Use: (Nuero Muscular Deseases, Sciatica, Paralysis)

Mg: (250 MG)

Head Office: Vill- Dhamandari, Dist- Una, Himachal Pradesh

Office: Gaya, Bihar, India

Phone: +91-8434555303

Email: shreedivyacare@gmail.com