यह आयुर्वेदिक औषधि वात व्याधि एवं आम दोष में प्रमुखता से उपयोग की जाती है | योगराज गुग्गुल गठिया, दर्द, पाचन, संक्रमित घाव ,सूजन,आमवात, उदर कृमि एवं गुल्म आदि रोगों में भी प्रमुखता से प्रयोग की जाती है | यह शरीर की धातुओं को पौषित करके शरीर में बलवर्द्धन का कार्य भी करती है |
घटक द्रव्य:- चित्रक, पिपला मूल, अजवाइन, कला जीरा, देवदारु, छोटी इलाइची, सेंधा नमक, रसना, गोखरू, धनिया, हरड़े, बहेड़ा, नागरमोथा, सोंठ, मिर्च पीपल, दालचीनी, तेजपत्र इत्यादि
औषधि नाम- योगराज गुग्गुल सन्दर्भ -आ० स० स०
सेवन:- चिकित्सक के परामर्श के अनुसार, २ गोली भोजन के बाद सुबह-शाम महारास्नादि क्वाथ के साथ
Use: (Vat Imbalance, Joints Pain, Athritis, Rheumatic)
Mg: (300 MG)
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